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गन्ना किसानों के हित में बड़ा फैसला, पेराई सत्र 2025-26 की सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी।।

By: दीप मिश्रा संपादक

On: Wednesday, September 3, 2025 1:21 PM

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लखनऊ। गन्ना किसानों के व्यापक हितों के दृष्टिगत पेराई सत्र-2025-26 के लिए गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी कर दी गयी है। गन्ना आपूर्ति नीति के संदर्भ में प्रदेश के गन्ना कृषकों को गन्ने की पर्चियों के निर्गमन सहित आपूर्ति हेतु विस्तृत निर्देश चीनी मिलों को दिये गये हैं। सट्टा एवं आपूर्ति नीति के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए आयुक्त ने बताया कि प्रदेश की चीनी मिलों की पेराई क्षमता, किसानों की गन्ना आपूर्ति में सुविधा, लघु महिला किसानों को विशेष प्राथमिकता, गन्ना उत्पादन तथा चीनी मिलों को गन्ने की उपलब्धता में संतुलन बनाये जाने की आवश्यकता है, जिससे चीनी मिलों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप पेराई हेतु गन्ना उपलब्धता के साथ किसानों का समस्त पेराई योग्य गन्ने की आपूर्ति हो सके, इन्हीं तथ्यों का संज्ञान लेते हुए गन्ना विकास विभाग द्वारा जारी पेराई सत्र 2025-26 के लिये सट्टा एवं आपूर्ति नीति में कृषक हितों के दृष्टिगत कई बदलाव किये गये हैं। इस पेराई सत्र हेतु निर्गत नीति में प्रथम बार गन्ना समिति के नये कृषक सदस्यो का सट्टा पेराई सत्र 2024-25 में सम्बन्धित चीनी मिल की औसत गन्ना आपूर्ति अथवा सम्बन्धित जिले की गन्ना उत्पादकता का 70 प्रतिशत, इनमें से जो भी अधिक हो की सीमा तक गन्ना सट्टा का लाभ दिया जायेगा।

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आयुक्त ने अवगत कराया कि पेराई सत्र 2025-26 हेतु में जारी सट्टा नीति में प्रदेश सरकार के मंशानुरूप लघु महिला किसानों को विशेष प्राथमिकता दी गयी है। छोटे गन्ना किसानों (81) कुन्तल सट्टाधारक) की पेड़ी गन्ने की पर्चियां 01 से 03 पक्ष में तथा पौधे गन्ने की पर्चियां 07 से 09 पक्ष में जारी करने की सुविधा प्रदान की गयी है। इस निर्णय से प्रदेश के कुल 13.12 लाख छोटे गन्ना कृषक लाभान्वित होंगे। प्रथम बार अतिलघु गन्ना किसानों (36 कु. या 04 पर्ची बेसिक मोड) एवं लघु महिला गन्ना किसान (81 कु. या 09 पर्ची बेसिक मोड) को पेड़ी पौधा को 52:48 के अनुपात से मुक्त रखते हुए, अति लघु गन्ना किसानों को शत्-प्रतिशत पेड़ी गन्ने की पर्चियां प्रथम पक्ष में तथा पौधे गन्ने की पर्चियां सातवें पक्ष में एवं लघु महिला गन्ना किसानों को शत्-प्रतिशत पेडी गन्ने की पर्चियां 01 से 03 पक्ष में तथा पौधे गन्ना की पर्चियां 07 से 09 पक्ष में जारी की जायेंगी। इससे लगभग 3.75 लाख अति लघु गन्ना कृषक तथा 6268 लघु महिला गन्ना किसान लाभान्वित होंगी।

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उन्होंने बताया कि पहली बार नये सदस्यों को पेराई सत्र 2025-26 में चीनी मिल की औसत गन्ना आपूर्ति अथवा संबंधित जिले की गन्ना उत्पादकता का 70 प्रतिशत, जो भी अधिक हो, की सीमा तक गन्ना सट्टा का लाभ प्रदान किया जायेगा। प्रदेश में प्रति वर्ष लगभग 02 लाख गन्ना किसान समितियों के नये सदस्य बनते है और इसका लाभ उठाते हैं। गन्ना शोध परिषद की ओर से जारी गन्ना किस्म को. 15023 की परिपक्वता के दृष्टिगत अतिशीघ्र मानते हुये गन्ने की कैलेण्डरिंग में प्राथमिकता प्रदान की गयी है. जिसमें मुख्यतः को. 15023 गन्ना प्रजाति को अगेती संवर्ग में शीघ्रतम परिपक्वता के कारण पेडी की पर्चियां 01 से 02 पक्ष में एवं पौधे की पर्चियां 07 से 08 पक्ष में अंकित की जायेगीं। इससे लगभग कुल 3.66 लाख किसान लाभान्वित होगे तथा चीनी मिलों को चीनी परता में वृद्धि होगी जिससे कृषकों को शीघ्र गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित किया जा सकेगा।

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इसी कम में आयुक्त ने बताया कि ऐसे नये समिति सदस्यों जिनके पास पेड़ी अथवा शरदकालीन पौधा है, उनकी पर्चियां पहली बार 5वें पक्ष से 12वें पक्ष में लगाये जानी की सुविधा प्रदान की गयी है तथा जिनके पास पौधा गन्ना है, उनकी पर्चियां गत वर्ष की भांति 7 वें पक्ष से लगेगीं। इस निर्णय से लगभग 01 लाख नये गन्ना किसानों को लाभ होगा। वर्तमान में पेराई सत्र 2025-26 हेतु जारी सट्टा नीति के अन्तर्गत गन्ना किसानों को सामान्यतः कैलेण्डर के किसी एक कालम में अधिकतम बेसिक मोड की 04 पर्चियां ही अंकित की जाएंगी, किन्तु 2500 कु. या उससे अधिक बेसिक सट्टा धारक कृषक के एक कालम में अधिकतम 08 पर्चियां अंकित की जा सकती हैं। ऐसे कृषक जिनके पास शत् प्रतिशत पेड़ी गन्ना है, उनकी 52 प्रतिशत पर्चियां 6वें पखवाडे तक तथा शेष 48 प्रतिशत पर्चियां 07 वें से 10वें पखवाडे में लगायी जायेगीं।
पेराई सत्र 2025-26 में यदि कृषक Mechanical Harvesting हेतु आवेदन करता है तो ऐसे कृषक को परिवारिक कैलेण्डर की सुविधा प्रदान की जायेगी। इस Mechanical Harvesting को बढावा देने से कृषि मजदूरों की उपलब्धता में लगातार हो रही कमी के परिप्रेक्ष्य में खेती करने में गन्ना कृषकों को सुविधा होगी। ऐसे पुराने गन्ना कृषक सदस्य जिन्होंने केवल वर्ष 2024-25 में ही गन्ना आपूर्ति की है उनके बेसिक कोटा का निर्धारण चीनी मिल की औसत सप्लाई या उस कृषक की पेराई सत्र 2024-2025 की सप्लाई दोनों में जो भी अधिक हो, उसे दी जायेगी।

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