शाहजहांपुर। जिले की पुवायां तहसील में ज़मीन से जुड़े मुकदमों में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। तहसीलदार अरुण कुमार सोनकर पर आरोप है कि उन्होंने स्थानांतरण के बाद भी बीती तारीखों में फाइलों पर हस्ताक्षर कर करोड़ों की जमीनों के फैसले अवैध रूप से पारित किए।
डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने इस पूरे प्रकरण का खुलासा करते हुए बताया कि जांच में ऐसी लगभग एक दर्जन फाइलें मिली हैं जिनमें बैक डेट में मुकदमों का निस्तारण किया गया था। इन सभी मामलों में तहसीलदार अरुण सोनकर के हस्ताक्षर पाए गए हैं।
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मिली जानकारी के अनुसार अरुण सोनकर का कुछ समय पहले ही पुवायां से ट्रांसफर होकर सदर तहसील में ट्रांसफर हुआ था। इसके बावजूद उन्होंने पुवायां में लंबित मामलों में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर निर्णय दिए। इन मामलों की जमीनों की कीमत कई करोड़ रुपये बताई जा रही है।
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फिलहाल इस पूरे प्रकरण का खुलासा स्वयं जिलाधिकारी ने किया और भारी नाराजगी व्यक्त की है साथ आरोपी तहसीलदार अरुण कुमार सोनकर पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश भी दिए है। डीएम का कहना है कि आरोपी तहसीलदार ने ऐसा कृत्य किया है कि वह न्यायालय के विश्वास को लोगों के जहन से निकालने का कार्य किया है जो बिल्कुल भी क्षमा योग्य नहीं है। फिलहाल तहसीलदार को निलंबित कर दिया गया है और एफआईआर के निर्देश दिए गए है। अरुण कुमार सोनकर पूर्व में जनपद लखीमपुर खीरी की निघासन तहसील में नायब तहसील रह चुके है। यहां से जाने के बाद उनका प्रमोशन हुआ था और तहसीलदार बने थे।
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