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अब ऐसे किसानों के खातों में नहीं आएगी पीएम किसान सम्मान निधि की अगली किश्त।।

By: दीप मिश्रा संपादक

On: Saturday, November 1, 2025 8:54 PM

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लखनऊ। भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ अधिकांश जनसंख्या अपनी आजीविका खेती से चलाती है। लेकिन लंबे समय से कृषि योजनाओं का असली लाभ हर किसान तक समान रूप से नहीं पहुँच पा रहा था। इसी समस्या के समाधान के लिए सरकार ने एक अभिनव पहल की — फार्मर रजिस्ट्री (Farmer Registry)। जिसको लेकर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने कहा है कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना की अगली किश्त केवल उन्हीं किसानों को मिलेगी जिन्होंने फार्मर रजिस्ट्री में पंजीकरण कराया है।

🔍 क्या है फार्मर रजिस्ट्री?

फार्मर रजिस्ट्री एक किसान पहचान डेटाबेस है, जिसमें हर किसान की मूल जानकारी डिजिटल रूप से दर्ज की जाती है। इसमें किसान का नाम, भूमि का विवरण, खेती का प्रकार, फसल की जानकारी, बैंक खाता और मोबाइल नंबर जैसी जानकारियाँ शामिल होती हैं। इसका उद्देश्य है कि हर किसान को सरकारी योजनाओं, सब्सिडी और सहायता का प्रत्यक्ष और पारदर्शी लाभ मिल सके।

💡 फार्मर रजिस्ट्री की प्रमुख विशेषताएँ

  • 1. एकीकृत डाटाबेस – राज्य और केंद्र सरकार की सभी कृषि योजनाएँ एक प्लेटफॉर्म से जुड़ती हैं।
  • 2. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) – किसान के खाते में सीधे लाभ की राशि भेजी जा सकती है।
  • 3. डिजिटल पहचान – हर किसान को एक यूनिक आईडी दी जाती है, जिससे फर्जीवाड़ा या डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन की संभावना कम होती है।
  • 4. डेटा अपडेट सुविधा – किसान अपनी फसल, भूमि या बैंक जानकारी ऑनलाइन अपडेट कर सकता है।
  • 5. नीति निर्माण में सहायक – सरकार को सटीक डेटा मिलने से योजनाओं की बेहतर रूपरेखा तैयार की जा सकती है।

🌱 किसानों के लिए फायदे

  • योजनाओं का लाभ बिचौलियों के बिना सीधे किसान तक पहुँचेगा।
  • किसान क्रेडिट कार्ड, बीमा और अनुदान जैसी योजनाओं में सुविधा मिलेगी।
  • किसानों के भूमि रिकॉर्ड और फसल विवरण का डिजिटल रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा।
  • भविष्य में फसल खरीद, ई-नाम (e-NAM) और अन्य प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण आसान होगा।

🖥️ कैसे करें रजिस्ट्रेशन?

किसान अपने राज्य की कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
सामान्यतः रजिस्ट्रेशन के लिए निम्न दस्तावेज आवश्यक होते हैं –

  • आधार कार्ड
  • बैंक पासबुक
  • भूमि का रिकॉर्ड (खतौनी या खसरा)
  • मोबाइल नंबर

रजिस्ट्रेशन के बाद किसान को एक यूनिक फार्मर आईडी दी जाती है, जिसका उपयोग भविष्य में सरकारी योजनाओं या सब्सिडी प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

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