निघासन खीरी। कई दिनों से रुक-रुक हो रही बरसात व बनबसा बैराज से छोड़े गये पानी ने तराई इलाके में लोगों का जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। किसानों की खून पसीने से सींची गयी धान, गन्ना, मक्का, परवल, केला आदि की फसलें बर्बादी की कगार पर खडी़ हैं। क्षेत्र के दौलतापुर, नौगवां, लालबोझी, पुरैना, सेमरापुरवा, कामतापुरवा बैलहा, मुड़िया, सुरजी पुरवा, लुधौरी, मण्डप फार्म, खमरिया, झौवा पुरवा, लालपुर, अदलाबाद समेत करीब एक सैकडा़ से अधिक गांव बाढ़ की जद में आ गये हैं। हालात यह है कि कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। संपर्क मार्गों में पानी भर जाने से गांवों का सम्पर्क टूट गया है।

ग्राम पंचायत ग्रन्ट नम्बर बारह, मदनापुर, बैलहा, लुधौरी के अधिकांश मजरों का बहुत ही बुरा हाल हो गया है। फसलों में पानी भर जाने से मवेशियों के लिये चारे की समस्या खड़ी हो गयी है।
क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांव ग्रट नंबर 12 में गर्भवती महिला शीला को प्रसव पीडा़ हुई तो नाव व ट्रैक्टर-ट्रॉली का सहारा लेकर गांव से निकाला गया। प्रसव पीड़ा बढ़ने पर महिला ने रास्ते में ही बच्चे को जन्म दिया।
निघासन में बाढ़ संकट, कई गांवों पर मंडराया पुनः बाढ़ का खतरा।।
एसडीएम राजीव निगम ने ग्रंट नम्बर बारह का दौरा कर बाढ़ के हालातों का जायजा लिया। राजस्व टीमों को सख्त हिदायत देते हुये बाढ़ राहत तेज करने के निर्देश दिये हैं। तहसीलदार मुकेश कुमार वर्मा ने दौलतापुर, नौगवां, लालबोझी का दौरा कर हालात जाना। राजस्व निरीक्षक लक्ष्मण यादव संग लेखपाल अवधेश कुमार, श्वेता सिंह, अभिषेश श्रीवास्तव ने पुरैना, सेमरापुरवा, कामता पुरवा, मदनापुर में दौरा कर बाढ़ का जायजा लिया।
गन्ना किसानों के हित में बड़ा फैसला, पेराई सत्र 2025-26 की सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी।।









