निघासन खीरी: छठि मईया व सृष्टि के प्रत्यक्ष देव भगवान सूर्य के अराधना में लीन हो चुके भक्त इस बार बाढ़ के चलते अपनी फसलों को खो चुका आम आदमी जिसके माथे पर चिंता की सिमटन साफ दिखाई दे रही थी। एक तो बाढ़ ने तबाह किया दूसरा महंगाई की मार।
छठ महापर्व के चलते सोमवार को निघासन क्षेत्र में पूजा की तैयारी में व्रती सारा दिन जुटी रही। वहीं फल व पूजा समानों की ब्रिकी को लेकर नगर व कस्बों के बाजार में खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। निघासन, तारानगर, झंडी, पढुआ आदि जगह सड़को में सुबह से ही भींड़ लगी रही। हालांकि भीड़ को लेकर निघासन थाना पुलिस सुरक्षा को लेकर काफी चौकस रही। व्रतियों के परिवार के सदस्यों ने इस दौरान पूजा में इस्तेमाल होने वाले समान सुपारी, अरवा चावल, धूप, फल, सब्जी समेत अन्य समानों की खरीदारी करते नजर आए।
महिला को हुई प्रसव पीड़ा तो बैलगाड़ी बनी एंबुलेंस, कीचड़ और दलदल में फंसा विकास।।
फलों से सजा बाजार, दिनभर खरीदारी करते रहे लोग।
कार्तिक शुक्ल षष्ठी के मौके पर होने वाले लोकआस्था और कठिन अनुष्ठान के महापर्व कार्तिक छठ पूजा को लेकर जगह-जगह फलों की दुकान लगी थी। समाजिक संगठनों की और से शहर के विभिन्न स्थानों पर स्टॉल लगाकर फलों की ब्रिकी की जा रही थी। फलों के नियमित दुकानदार मंहगे दरों पर नित्यदिन की तरह फल बेचते नजर आए।
मुडाबुजुर्ग के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मनोज कुमार ने बताया कि प्रत्येक साल की तरह इस साल भी फल, चूड़ी,रवाइस, खिलौने इत्यादि के स्टॉल लगाए गए। फलों में सेव, केला, नारियल, नींबू, आदि फल मौजूद रहा। छठ पूजा के चलते चूड़ियों की दुकानों पर महिलाओं की भारी भींड़ देखने को मिली जिसमे महिलाओं ने चूड़ी पहनी।
वहीं अदलाबाद ग्राम प्रधान रामगोपाल ने बताया कि शारदा तट पर पूजा हेतु सारी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। अंधेरा न हो जिसके लिए लाइट की व्यवस्था करा दी गई है तो वहीं मार्ग पर चुना डलवा कर पूजन स्थल की दिशा को दर्शाया गया है।
इस मौके पर निघासन कोतवाल महेश चंद ने पूरा दिन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चाक चौबंद दिखें। उन्होंने सर्वप्रथम निघासन के मोटे बाबा स्थान पर पहुंचे जहां सुरक्षा व्यवस्था का मुआयना किया उसके बाद झंडी क्षेत्र के अदलाबाद व तारानगर भी पहुंचे जहां छठ पूजा के त्यौहार को शांति प्रिय ढंग से मनाने की अपील करते हुए सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान उनके साथ झंडी चौकी इंचार्ज राजवीर सिंह भी मौजूद रहे।
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