लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशेष प्राथमिकता प्रदेश के गन्ना कृषकों को ससमय भुगतान दिलाये जाने की नीति का अनुसरण करते हुए अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास विभाग द्वारा विभागीय समीक्षा बैठक में दिये गये निर्देशानुपालन में समय से गन्ना मूल्य भुगतान न किये जाने संबंधित गंभीर प्रकरण पर त्वरित एवं कठोर कार्यवाही की गई है। पूर्व में जिला गन्ना अधिकारी, लखीमपुर खीरी, उप गन्ना आयुक्त परिक्षेत्र-लखनऊ एवं गन्ना आयुक्त, उ. प्र. द्वारा समय-समय पर गन्ना मूल्य भुगतान करने हेतु नोटिसे निर्गत करते हुए चीनी मिलों पर बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान करने हेतु कहा गया किन्तु फिर भी चीनी मिल द्वारा कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं की गई।
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चीनी मिल से सम्बन्धित गन्ना किसानों को उनका बकाया गन्ना मूल्य शीघ्र प्राप्त हो सके, को ध्यान में रखकर गन्ना आयुक्त, उत्तर प्रदेश की ओर से बजाज हिन्दुस्थान लि. गोला गोकर्णनाथ, पलियाकलां एवं खम्भारखेड़ा के विरूद्ध वसूली प्रमाण पत्र निर्गत किया गया, किन्तु फिर भी चीनी मिल के गन्ना मूल्य भुगतान में कोई अपेक्षित सुधार परिलक्षित नहीं हुआ। चीनी मिल से संबंधित गन्ना किसानों द्वारा आये दिन गन्ना समिति / गन्ना विभाग/जिला प्रशासन कार्यालयों के चक्कर लगाये जा रहे है तथा चीनी मिल पर अपने-अपने बकाया गन्ना मूल्य भुगतान कराये जाने की मांग की जा रही है।
गन्ना किसानों के लिए बेहद जरूरी खबर, आप भी जान ले वायरल खबर की सत्यता।।
बजाज हिन्दुस्थान लि. गोला गोकर्णनाथ, पलियाकलां एवं खम्भारखेडा पर पेराई सत्र 2024-25 के अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान का विभागीय व्यस्थानुसार एवं सक्षम प्राधिकारियों द्वारा बार-बार नोटिस देकर मांगे जाने के बाबजूद भी चीनी मिल के प्रबन्ध तंत्र द्वारा नहीं करने से जहां एक ओर संबंधित गन्ना किसानों के आर्थिक हित प्रभावित हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर यह कानून व्यवस्था के लिए भी उचित नहीं है।
गन्ना विकास विभाग द्वारा बजाज हिन्दुस्थान लि०, गोला गोकर्णनाथ, पलियाकलां एवं खम्भारखेड़ा के प्रबन्ध निदेशक अजय कुमार शर्मा, मुख्य वित्त अधिकारी सुनील कुमार ओझा, उप महाप्रबन्धक लीगल धर्मेन्द्र सिंह एवं अध्यासी क्रमशः नीरज बंसल, ओम प्रकाश चौहान, अवधेश कुमार गुप्ता के विरुद्ध गन्ना मूल्य भुगतान न कर कृषकों के साथ विश्वासघात एवं धोखाधड़ी करने तथा आर्थिक शोषण करने, कृषकों में असंतोष को बढ़ावा देने आदि के सम्बन्ध में भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 एवं 61 (02) के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है।









