लखनऊ। प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी द्वारा दिनांक 25 अगस्त को एक समाचार संस्थान द्वारा गन्ने की फसल पर विदेशी कीट का प्रकोप, जो फसल को चौपट कर देगा’ शीर्षक से जारी प्रिंट समाचार को पूर्णतया निराधार बताते हुए खबर का खण्डन किया गया है। इस समाचार में यह दावा किया गया है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चीनी मिल क्षेत्रों में एक विदेशी कीट (फॉल आर्मीवर्म) का प्रकोप गन्ना फसल पर देखा गया है।
आयुक्त ने बताया कि विषय की गम्भीरता के दृष्टिगत गन्ना शोध परिषद, शाहजहाँपुर के पादप सुरक्षा वैज्ञानिकों से इसकी पुष्टि की गयी जो वर्तमान में रोग कीटों की जाँच के लिए विभिन्न क्षेत्रों में गन्ना फलस का सर्वेक्षण भी कर रहे हैं। स्थलीय सर्वेक्षण की वास्तविक स्थिति के अनुसार वैज्ञानिकों ने गन्ने की फसल पर किसी भी प्रकार का विदेशी कीट का प्रकोप नहीं पाया है। तत्कम में शोध परिषद के वैज्ञानिकों द्वारा इस समाचार में लिखे तथ्यों को तथ्यहीन एवं भ्रामक बताते हुए रिपोर्ट प्रेषित की गयी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में केवल चोटी बेधक, जड बेधक, सफेद मक्खी आदि कीट का सामान्य प्रभाव देखा गया है, जिसके नियंत्रण के लिए गन्ना विकास विभाग व चीनी मिलें ड्रोन से पेस्टीसाइड का स्प्रे भी कर रही है। समाचार संस्थान द्वारा जिस कीट की फोटो फॉल आर्मीवर्म के संदर्भ में दिखाई गयी है। वह भी चोटी बेधक कीट के नवजात का लार्वा है न कि फॉल आर्मीवर्म।
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आयुक्त ने किसानों से यह भी अपील की है कि इस प्रकार की असत्य एवं अपुष्ट जानकारी गन्ना किसानों के मध्य अनावश्यक भ्रम पैदा करती है, जबकि वास्तव में अभी तक प्रदेश की किसी भी चीनी मिल द्वारा उनके क्षेत्रों में वैज्ञानिकों द्वारा किसी गन्ना क्षेत्र में फॉल आर्मीवर्म का प्रकोप नही देखा गया है। अतः वह विभागीय अधिकारियों/ वैज्ञानिकों से पुष्टि किये बिना ऐसी भ्रामक खबरों पर विश्वास न करें। साथ ही प्रदेश के गन्ना कृषकों एवं चीनी मिलों के हितो के दृष्टिगत किसान तक चैनल पर खबर के प्रकाशक जे.पी.सिंह को भी पत्र लिखकर भ्रामक समाचार को चैनल से हटाने के लिए पत्र भी प्रेषित किया गया है।
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