रिपोर्ट:- दीप शंकर मिश्र “दीप”
लखनऊ। कहते हैं मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। यह पक्तियां रिटायर्ड आईजी राजेश कुमार पांडेय के लिए सटीक बैठती हैं। तेजतर्रार एवं अत्यंत कर्तव्यनिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजेश पांडेय की तैनाती शुरू से ही प्रदेश के सबसे अधिक संवेदनशील जिलों में रही। वह जहां भी रहे उन्होंने न केवल अपराध पर अंकुश लगाया, बल्कि कई बड़ी चिनौतियों को स्वीकार कर उनका सामना किया। वह एसटीएफ व एटीएस के संस्थापक सदस्य भी रहे और कई जिलों के पुलिस कप्तान भी रहे है। अपनी नौकरी के दौरान लगभग 70 एंकाउटर और सैंकड़ों ईनामी कुख्यात बदमाशों को जेल भेज चुके हैं।
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राजेश पांडेय मूल रूम से प्रयागराज के मूल निवासी हैं। सन् 1990 में उन्होंने अपने पुलिस कैरियर की शुरूआत की। उनको पहली तैनाती प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दी गई। यहां पर सीओ, एसपी सिटी व एसएसपी भी रहे। तैनाती के दौरान उनको सबसे पहले सीओ कैसरबाग और सीओ हजरतगंज फिर सीओ महानगर की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद एसटीएफ और एटीएस के संस्थापक सदस्य बनाए गए। जिसमें उन्होंने पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुत्रा बजरंगी, श्रीप्रकाश शुक्ला जैसे कई कुख्यात बदमाशों को ढेर किया।
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फिर वह प्रोन्नति होकर लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ और अलीगढ़ के एसपी सिटी और फिर वह सन् 2003 में आईपीएस बनने के बाद रायबरेली, गौंड़ा, सहारनपुर, लखनऊ, अलीगढ़ और मेरठ के पुलिस कप्तान भी रहे। डीआईजी पद पर प्रमोशन मिलने के बाद इन्हें बरेली रेंज का डीआईजी बनाया गया। डीआईजी के बाद आईजी पद पर भी प्रमोशन हुआ और सन् 2021 में राजेश पांडेय रिटायर हो गए मगर रिटायर होने के बाद भी राजेश पांडेय को नाम बड़ी इज्जत से लिया जाता है। इन दिनों राजेश पांडेय का अपना एक यूट्यूब चैनल है जिसका नाम है “IPS RAJESH PANDEY” इस चैनल के माध्यम से राजेश पांडेय आए दिन एक सच्ची कहानी से दर्शकों को रूबरू कराते है।









