रिपोर्ट:- दीप शंकर मिश्र “दीप”
लखनऊ। वो कहते है कि इंसान अपने नाम से नहीं बल्कि अपने काम से जाना जाता है। यह कहावत यूपी के एक तेजतर्रार एवं अत्यंत कर्तव्यनिष्ठ आईपीएस अधिकारी पर बिल्कुल सटीक बैठती है। जी हां हम बात कर रहे है आईपीएस रामसेवक गौतम की जिन्होंने अपनी मेहनत के बल पर वो मुकाम हासिल किया जिसका लोग ख्वाब देखते है।

1992 बैच के पीपीएस अधिकारी के रूप में रामसेवक गौतम ने खाकी की दुनिया में कदम रखा और अपनी कार्यशैली से लोगों को इतना प्रभावित किया कि ये जहां जहां तैनात रहे वहां के लोग आज भी इनका नाम बड़े अदब से लेते है। ये आधा दर्जन जिलों में सीओ तो आधा दर्जन जिलों में एडिशनल एसपी रह चुके है। जिसके बाद 2013 में प्रमोशन मिलने के बाद ये आईपीएस अधिकारी बन जाते है और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ इन्हें अपनी सुरक्षा में बुला लेते है। सीएम की सुरक्षा में भी ये अपने कर्तव्यों का बखूबी से निर्वहन करते है।

जिसके बाद इन्हें कानपुर व वाराणसी के डीसीपी पद पर भेजा जाता है। इनके बेहतर पुलिसिंग को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ इन्हें शामली जिले का पुलिस अधीक्षक बनाते है। जिसके बाद रामसेवक गौतम अब तक शामली जिले में तैनात होकर बेहतर पुलिसिंग के माध्यम से जिले को अपराध मुक्त बनाने में जुटे है। रामसेवक गौतम ने अब तक 12 अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर किया है। बेहतर कार्यशैली व पुलिसिंग के चलते इन्हें राष्ट्रपति मेडल से सम्मानित किया जा चुका है साथ ही इन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक, गृह मंत्रालय का उत्कर्ष सेवा पदक व डीजीपी के सिल्वर व गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जा चुका है।
इन जिलों में रहे तैनात
आईपीएस राम सेवक गौतम गाजियाबाद, नोएडा, रामपुर, सहारनपुर, लखीमपुर खीरी में सीओ रहे। इसके बाद एडिशनल एसपी के पद पर प्रमोशन हुआ तो मुरादाबाद में SPRA, फैजाबाद में एसपी सिटी, प्रयागराज में एसपी ट्रैफिक, उन्नाव में एडिशनल एसपी, बाराबंकी और गोरखपुर में तैनाती के बाद सीएम की सिक्योरिटी में रहे। कानपुर और वाराणसी में बतौर डीसीपी तैनात रहे और इन दिनों जनपद शामली के पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत है।
न घमंड और न दिखावा, मिथुन की बेटी दिशानी की सादगी सबको भा रही।









