रिपोर्ट:- शरद मिश्रा “शरद”
लखीमपुर खीरी। कुछ वर्ष पूर्व हम लोग देखते होंगे कि जब गांव में किसी जानवर की मृत्यु हो जाती थी तो ग्रामीण उस मृत जानवर के शव को बस्ती के बाहर किसी एकांत जगह पर फेंक देते थे और जहां पर जानवर का शव फेंका जाता था वहां काफी संख्या में पक्षी गिद्ध आ जाते थे और धीरे धीरे उस मृत जानवर के शरीर को खा जाते थे।
जिससे पर्यावरण भी स्वच्छ रहता था और आसपास के गांवों में उसकी दुर्गंध भी नहीं पहुंचती थी। धीरे धीरे वक्त बदला और समय के साथ लोग अंग्रेजी दवाओं के इतने आदी हो गए कि जरा सा भी उनके पालतू जानवरों को कोई समस्या हुई तो उसे अंग्रेजी दवा दे दिया या फिर उसे इंजेक्शन लगवा दिया। ऐसे में यदि किसी जानवर की मौत हो जाती तो उस जानवर के मृत शरीर में दवा व इंजेक्शन का प्रकोप बना रहता है और उस मृत जानवर के मांस को पक्षी गिद्धराज खा जाते जिससे दवा का असर पक्षी गिद्धराज पर होता और धीरे धीरे क्रम बढ़ता गया आलम यह हो गया कि पक्षी गिद्धराज विलुप्तता की कगार पर आ गए।
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रविवार की सुबह जनपद लखीमपुर खीरी की तहसील निघासन क्षेत्र अंतर्गत अंतर्वेद जंगल के समीप दर्जनों की संख्या में पक्षी गिद्धराज देखे गए जिससे पर्यावरण प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई। पक्षी गिद्धराज को पर्यावरण का सफाईकर्मी भी कहा जाता जो मृत जानवरों के शवों को खाकर पर्यावरण को स्वच्छ बनाते है। फिलहाल दर्जनों की संख्या में देखे गए पक्षी गिद्धराज को प्रतिभा टाइम्स की टीम ने अपने कैमरे में कैद कर लिया और उसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जिसे देखकर लोगों ने पर्यावरण के लिए अच्छा संकेत माना है।
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