मध्यप्रदेश। इस देश में एक समस्या ऐसी भी है जिस पर आज तक गौर नहीं किया गया। इसके बारे में न ही किसी अखबार में और न किसी चैनल पर इसकी जानकारी दी गई। बहुत शर्म की बात है कि आप इतने बड़े लोकतांत्रिक देश में रहते है और हम में से अधिकांश लोग अपने मौलिक अधिकारों के साथ साथ मौलिक कर्तव्यों से भी वंचित है।
जिसे देखकर यही लगता है कि आप शायद लापरवाह है और आपको अपने अधिकारियों की जरा भी फिक्र नहीं है। हम में से अधिकांश लोग हर मुद्दे पर अपनी राय देते है पर शायद अपने गिरेबान में झांककर नहीं देखते। इसलिए सबसे पहले हमें अपने मौलिक अधिकारों के साथ साथ मौलिक कर्तव्यों को भी जानना चाहिए।
इन दिनों सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक बुजुर्ग जो अपने मौलिक कर्तव्यों व अधिकारों से भलीभांति परिचित है शायद यही वजह रही हो कि वो बिना किसी डर से अधिकारी के सवालों का मुंहतोड़ जवाब दे रहे है।
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जी हां यह वायरल वीडियो मध्यप्रदेश के मुरैना तहसील का है जहां जनसुनवाई के दौरान एक बुजुर्ग जिन्हें वहां के लोग प्यार से दूसरा अन्ना हजारे कहते है। उन्होंने एसडीएम के सामने EWS प्रमाण पत्र की प्रक्रिया से संबंधित सवाल किया तो वहां पर बैठे एसडीएम को रास नहीं आया। उन्होंने बुजुर्ग से अभद्र भाषा का प्रयोग किया और थप्पड़ मारने तक की भी बात कह डाली फिर क्या बुजुर्ग भी गुस्से में आ गया और एसडीएम को लोकसेवक का कर्तव्य बताते हुए कहा कि “डांटिए मत साहब आप एक लोकसेवक है आप इस तरह बात नहीं कर सकते, डांटना मुझे भी आता है” फिर क्या देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया। अंत में बुजुर्ग ने एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना दिया और राम धुन का जाप करते हुए न्याय की मांग की है।
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