लखनऊ। यूपी के तेजतर्रार एवं अत्यंत कर्तव्यनिष्ठ गन्ना एवं चीनी आयुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बताया कि किसानों के हित में त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित किये जाने हेतु प्रदेश में संचालित चीनी मिलों के अध्यासी के उत्तरदायित्वों के निर्वहन के लिए चीनी मिल के अध्यासी नामांकन आदेशों एवं विधि प्रावधानों के अनुपालन हेतु यूपी के गन्ना उत्पादक जिलों के डीएम को दिशा-निर्देश जारी किये गये है। उ.प्र. गन्ना अधिनियम, 1953 व सपठित उ.प्र. गन्ना नियमावली, 1954 एवं उ.प्र. गन्ना पूर्ति तथा खरीद आदेश, 1954 के अन्तर्गत उत्तरदायित्वों का निर्वहन के लिए चीनी मिल के अध्यासी भी उत्तरदायी होगें।
उन्होंने कहा कि संगत नियमों में निहित प्राविधान के अनुरूप प्रदेश की संचालित चीनी मिलों द्वारा अध्यासी के नामांकन में एकरूपता नहीं होने के कारण विधिक प्राविधानों का अनुपालन कराने, जनहित में चीनी मिलों का सकुशल संचालन एवं गन्ना मूल्य भुगतान समय से कराने में असुविधा होती थी तत्कम में आदेश की एकरूपता हेतु निर्देश जारी किये जा रहे है।
गन्ना आयुक्त ने बताया कि उ.प्र. गन्ना अधिनियम, 1953 की धारा-17 के अन्तर्गत गन्ना मूल्य भुगतान के लिए फैक्ट्री के स्वामी, कम्पनी के बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर्स के प्रमाणित प्रस्ताव एवं सी.एस. के प्रमाणन उपरान्त ही अध्यासी का नाम नामांकित किया जायेगा और समस्त अध्यासियों की जमानत राशि के रूप में रू 1,00,000/- सरकारी प्रतिभूति या डाकखाने में जमा करना अनिवार्य होगा जिसके कम में विधिक प्राविधानों के प्रभावी अनुपालन हेतु तत्पर होगें। चीनी मिलों से निर्धारित प्रारूप पर प्रस्ताव प्राप्त होने के उपरान्त ही सम्बन्धित गन्ना निरीक्षक एवं सहायक चीनी आयुक्त उसका विधिवत परीक्षण करते हुए जिला गन्ना अधिकारी से विचार-विमर्श उपरान्त डीएम के समक्ष समुचित प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे, जिस पर आदेश निर्गत होगें। इस संबंध में गन्ना आयुक्त ने सभी डीएम एवं सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अध्यासी नामांकन आदेश निर्गत करते समय विधिक प्राविधानों का पूर्णतः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। जिससे गन्ना कृषकों के हितो की रक्षा, त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान एवं चीनी मिलों में पारदर्शिता की भावना सुदृढ़ हो सके।









