लखीमपुर खीरी। शुक्रवार को एंटी करप्शन टीम ने दक्षिणी वन रेंज के रेंजर व वन दरोगा को चालीस हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। बताया जाता है कि रेंजर और वन दारोगा ने एक किसान से पेड़ काटने का परमिट बनवाने के नाम पर यह रकम मांगी थी। किसान की शिकायत पर पहुंची टीम ने किसान को रुपए देकर भेजा और फिर दोनों को गिरफ्तार करके अपने साथ ले गई। जानकारी के अनुसार गांव पिरथीपुरवा निवासी पूरन के अपने खेत में खड़े शीशम के तीन पेड़ों को काटने के लिये परमिट का आवेदन किया था। काफी भागदौड़ के बावजूद वह इस पर रेंज आफिस से रिपोर्ट नहीं लगवा पा रहा था। आरोप है कि उसके माफिक रिपोर्ट लगाने के लिए उससे रेंजर गजेंद्र बहादुर सिंह और वन दरोगा राजेंद्र वर्मा ने चालीस हजार रुपए की मांग की थी।
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काफी कोशिश करने के बाद उसने लखनऊ में एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया। वहां से इंस्पेक्टर रवि पांडे सहित आई टीम ने शुक्रवार दोपहर पूरन को चालीस हजार रुपए देकर रेंज कार्यालय में मौजूद वन दारोगा राजेंद्र वर्मा और रेंजर गजेंद्र बहादुर सिंह के पास भेजा। बताया जाता है कि वन दारोगा राजेंद्र वर्मा रुपए लेकर रेंजर के आवास में गया। उसके बाहर आते ही वहां मौजूद टीम ने उसे पकड़ लिया। इसके बाद रेंजर गजेंद्र बहादुर सिंह के आवास में घुसकर टीम ने उनको भी गिरफ्तार कर लिया। वहां से रेंजर और वन दारोगा को लेकर टीम लखीमपुर के लिए रवाना हो गई। जिसके बाद लखीमपुर शहर के राजापुर चैराहे पर स्थित एक होटल में एंटी करप्शन की टीम ने पीड़ित किसान व आरोपी रेंजर व वन दरोगा से पूछताछ की। होटल में पूछताछ का मामला चर्चा का विषय बन गया। इस संबंध में जब एंटी करप्शन के एसपी बबिता से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि टीम को थाना परिसर में पूछताछ करने चाहिए थी, होटल में पूछताछ किए जाने को उन्होंने गलत बताया है।
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