लखीमपुर खीरी। इन दिनों जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई है। कुकुरमुत्ते की तरह पूरे जिले में अवैध अस्पताल खुले हुए है मगर इन पर स्वास्थ्य विभाग तभी कार्यवाही करता है जब कोई अप्रिय घटना घटित होती है। जिसके चलते सीएमओ पर भी उंगली उठना लाजमी है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के ही अधिकारी सीएमओ संतोष गुप्ता पर आरोप लगा कर नौकरी से त्याग पत्र दे रहे है।
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बताते चलें कि मंगलवार को इलाज में लापरवाही बरतने का गंभीर मामला सामने आया है। जहां नकहा गांव निवासी मिलन पुत्र राजाराम ने आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी पीताम्बरी के पेट में अचानक दर्द होने पर बीते 14 अगस्त को लखीमपुर में अल्ट्रासाउण्ड कराया था तब पता चला कि पीताम्बरी डेढ़ माह के गर्भ से है, किन्तु बच्चा असुरक्षित होने के कारण आपरेशन करवाना पड़ेगा अगले दिन प्रार्थी पीताम्बरी को जिला महिला अस्पताल लेकर गया जहां 15 अगस्त होने के कारण डाक्टर नहीं थे।
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इसलिए भर्ती नहीं किया गया तब प्रार्थी अपनी पत्नी को डॉ० रितेश की सलाह पर बाला जी हॉस्पिटल रामापुर लेकर गया। जहां डॉ० आशीष कुमार ने पीताम्बरी का आपरेशन 15 अगस्त को शाम 6:30 बजे किया तथा प्रार्थी से बीस हजार आनलाइन और पैंतीस सौ नकद लिया। इसके बाद 16 अगस्त की रात में हालत ज्यादा खराब होने पर सुबह लगभग 5:00 बजे लखनऊ भेजकर वहां देवम हास्पिटल में भर्ती कराया जहां प्रार्थी से लगभग बत्तीस हजार रूपये जमा कराये और 17 अगस्त की सुबह से 18 अगस्त की सुबह आठ बजे तक इलाज किया किन्तु पीताम्बरी की हालत और ज्यादा बिगड गयी तथा प्रार्थी के पास रूपये न बचने पर उसे डिस्चार्ज कर दिया तब प्रार्थी ने मजबूरी में अपना व अपने सभी भाईयों का पांच बीघा खेत गिरवी रखकर पीताम्बरी को लखनऊ मेडिकल कालेज में 19 अगस्त को भर्ती कराया। जहां हुई जाँचों से पता चला कि गलत आपरेशन और गलत इलाज होने के कारण उसके गुर्दे सड़ गये है तथा शरीर में खून नहीं बचा है। जिसके बाद प्रार्थी मिलन ने सीएमओ को प्रार्थना पत्र देकर बाला जी हास्पिटल रामापुर तथा देवम हास्पिटल हरदोई रोड लखनऊ पर कार्यवाही की मांग की है।
मौसम विभाग:- 2 सितंबर तक यूपी के इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट हुआ जारी।।









