रिपोर्ट:- शरद मिश्रा “शरद”
लखनऊ। दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत से सफलता का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है, इसका उदाहरण हैं बांदा जनपद निवासी अभिमन्यु त्रिपाठी। यूपी पीसीएस-2023 परीक्षा में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए 18वीं रैंक हासिल की है।

अभिमन्यु त्रिपाठी के पिता एक वरिष्ठ क्रिमिनल लॉयर हैं। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहने वाले अभिमन्यु ने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में डबल एमए और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। नौकरी से पहले वे कोचिंग क्लासेस भी चलाते थे।
उनकी बड़ी बहन बनारस कोर्ट में पेशकार के पद पर कार्यरत हैं, जबकि छोटी बहनें अभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं। अभिमन्यु ने बताया कि वर्ष 2021 में उन्होंने पहली बार यूपी पीसीएस का इंटरव्यू दिया था, लेकिन चयन नहीं हो सका। उस समय वे काफी निराश हुए, मगर हार मानने के बजाय और अधिक मेहनत करने का संकल्प लिया। इसके बाद तीसरे प्रयास में उन्होंने सफलता की नई इबारत लिखी और पीपीएस के रूप में चयनित होकर अपने परिवार व जनपद का नाम रोशन किया।
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उनकी सफलता से परिवार व क्षेत्र में हर्ष का माहौल है। अभिमन्यु का कहना है कि “असफलता से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उससे सीख लेकर और मजबूत बनना चाहिए। निरंतर परिश्रम ही सफलता की कुंजी है।”
पीपीएस में चयन के बाद अभिमन्यु को यूपी के सबसे बड़े जनपद लखीमपुर खीरी में तैनाती दी गई। जिसके बाद खीरी एसपी संकल्प शर्मा ने निघासन थाने में प्रशिक्षु सीओ के रूप में ट्रेनिंग हेतु भेजा है। सरल स्वभाव के धनी अभिमन्यु त्रिपाठी का कहना है कि अपराधियों के खिलाफ शख्त कार्यवाही व निर्दोषों को न्याय दिलाने में भरपूर प्रयास करेंगे।
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