लखीमपुर खीरी। नशा छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति केंद्र भेजे गए युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजन उसे लखीमपुर से लेकर लखनऊ तक ढूंढते रहे, लेकिन अंत में उसका शव ओयल के पास एक एंबुलेंस में लावारिस हालत में मिला।
मामला मझगईं थाना क्षेत्र के धर्मापुर गांव का है। मृतक ओमकार 35 वर्ष पुत्र स्व. बाबूराम काफी समय से नशे का आदी था। परिजनों ने उसे 8 जुलाई को लखीमपुर के अंदेशनगर स्थित “एक प्रयास” नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था। मृतक के बड़े भाई शिवकुमार ने बताया कि 12 जुलाई को वह भाई से मिलने केंद्र पहुंचे थे, लेकिन कर्मचारियों ने मुलाकात न कराकर सिर्फ सीसीटीवी कैमरे में दिखाकर वापस भेज दिया। उस समय वहां चार मरीज भर्ती थे।
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सोमवार दोपहर करीब एक बजे शिवकुमार के पास नशा मुक्ति केंद्र से फोन आया कि ओमकार की हालत गंभीर है और उसे जिला अस्पताल लखीमपुर भेजा गया है। परिजन जब जिला अस्पताल पहुंचे तो ओमकार वहां नहीं मिला। फोन करने पर बताया गया कि हालत नाजुक होने के चलते उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया है। परिजन लखनऊ पहुंचे लेकिन वहां भी ओमकार नहीं मिला। वापस लौटते समय ओयल के पास सड़क किनारे खड़ी एंबुलेंस में ओमकार का शव लावारिस हालत में मिला।
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इसकी सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल भेजा, जहां पंचनामा भरने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। वहीं जब परिजन दोबारा नशा मुक्ति केंद्र पहुंचे तो वहां ताला लगा मिला, जिससे मामला और संदिग्ध हो गया। मृतक ओमकार अपने पीछे पत्नी पिंकी और एक बेटी दीक्षा को छोड़ गया है। घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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