Rewa news: रीवा से एक गंभीर आर्थिक संकट की खबर सामने आई है, जहां माइनिंग ट्रक एसोसिएशन ने रेत खनन में बढ़ती अनियमितताओं को लेकर सरकार और ग्लोबल कंपनियों की नीतियों पर कड़ा विरोध जताया है। आज एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने रीवा संभाग के कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगें रखीं और जल्द समाधान की मांग की है।
बढ़ती कीमतों से संकट में ट्रक मालिक!
माइनिंग ट्रक एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल मिश्रा का कहना है कि सरकार द्वारा लगातार रेत की कीमतों में बढ़ोतरी की जा रही है, जिससे ट्रक मालिकों का व्यवसाय ठप होने की कगार पर पहुंच गया है। टीपी (ट्रांजिट पास) की दरें स्थायी नहीं हैं, और जब चाहे तब 5-10 रुपये की बढ़ोतरी कर दी जाती है। इस अनियंत्रित मूल्य वृद्धि के कारण ट्रक मालिकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, वहीं गरीबों के लिए घर बनाना भी मुश्किल हो गया है।
बिना बिल रेत बिक्री और जीएसटी चोरी के आरोप!
एसोसिएशन का आरोप है कि इतनी ऊंची कीमतों के बावजूद ट्रक मालिकों को कोई वैध बिल नहीं दिया जाता। न ही उन्हें जीएसटी बिल प्राप्त होता है और न ही सही तरीके से ट्रांजिट पास (टीपी) जारी किया जाता है। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता से परे है, जिससे न केवल ट्रांसपोर्ट सेक्टर प्रभावित हो रहा है, बल्कि राजस्व की भी भारी हानि हो रही है।
आर्थिक बोझ से दबे ट्रक मालिक!
वर्तमान हालातों में ट्रक मालिकों के सामने कई गंभीर चुनौतियां हैं:
गाड़ियों की ईएमआई चुकाना मुश्किल हो गया है।
ड्राइवरों और मजदूरों को वेतन देने में दिक्कत आ रही है।
ईंधन और अन्य खर्चे बढ़ गए हैं, लेकिन मुनाफा घटता जा रहा है।
सरकार से उठाई ये मांगे।
1. रेत की कीमतों को स्थिर किया जाए।
2. जीएसटी बिल जारी किया जाए और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
3. ट्रक मालिकों को स्टोरेज के लिए वैध ट्रांजिट पास (टीपी) प्रदान किया जाए।
4. माइनिंग और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में सरकार ठोस नीति बनाए।
आंदोलन की चेतावनी!
यदि इन मांगों पर जल्द ही उचित निर्णय नहीं लिया गया, तो ट्रक मालिक प्रदेशव्यापी आंदोलन करने को मजबूर होंगे। एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो रेत की आपूर्ति ठप कर दी जाएगी, जिससे निर्माण कार्य भी प्रभावित होंगे।









