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ओमप्रकाश राजभर की सभा में नहीं जुटी भीड़ खाली रह गई कुर्सियां, कैबिनेट मंत्री ने अपने संबोधन में कही ये बात।

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रिपोर्ट:- शरद मिश्रा”शरद”
निघासन(लखीमपुर खीरी)। कस्बे के जिला पंचायत इंटर कॉलेज ग्राउंड में सुभासपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ द्वारा स्वाभिमान व सम्मान रैली का आयोजन किया गया। रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर पहुंचे। सर्वप्रथम जिला पंचायत इंटर कॉलेज की बालिकाओं द्वारा स्वागत गीत गाकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया गया व क्षेत्र के प्रधानों ने माला पहनाकर उनका सम्मान किया।

कार्यक्रम में अपने संबोधन में पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा की जब हम अपने दफ्तर में बैठते है तो डॉक्टर का स्वरूप लेकर बैठते है और फरियादी को रोगी मानते है और हर रोगी का इलाज करते है फिर चाहे उसे टेबलेट देनी पड़े, कैप्सूल देना पड़े, इंजेक्शन लगाना पड़े और यदि जरूरत पड़ी तो पानी भी चढ़ाते है। उन्होंने यह भी कहा की मुसलमान मोहम्मद साहब को मानते है लेकिन उनके विचारों को नहीं मानते क्योंकि उन्होंने कहा है की मजलूमों की मदद करो और मुसलमान प्रदेश का सबसे बड़ा मजलूम अखिलेश यादव को मानती है। जबकि योगी व मोदी मुसलमानों के साथ कोई भेदभाव नहीं करते व मुसलमानों के लिए और भी बेहतर करते है। अल्पसंख्यक बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार साल में 800 करोड़ का वेतन देती है और जल्द ही अन्य बोर्ड की तरह मदरसा बोर्ड भी होगा जिसकी जमीन तलाश की जा रही है। उन्होंने अखिलेश यादव व मायावती पर निशाना साधते हुए कहा की पिछली सरकारों में अपराधी खुलेआम घूमते थे लेकिन जब से योगी व मोदी सत्ता में आए है तब से सभी अपराधी जेल में है या तो इस दुनिया में नहीं है। अंत में मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम में पधारे सभी लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया और उसके बाद उनका काफिला पलिया रोड की तरफ निकल गया।

जनसभा में कुर्सियां रही खाली:-

रविवार को जिला पंचायत इंटर कॉलेज में आयोजित सुभासपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ द्वारा स्वाभिमान व सम्मान रैली में ज्यादा भीड़ नही एकत्र हो पाई और कुर्सियां खाली रह गई। जब कार्यकर्ता भीड़ एकत्र करने में कामयाब नही हुए तो क्षेत्र में तैनात समस्त सफाईकर्मियों को टोपी पहनाकर कुर्सियों पर बैठा दिया और तब भी कुर्सियां खाली रही जिसके चलते मदरसों के बच्चों को कार्यक्रम में लाया गया मगर सारे जतन करने के बावजूद भी सभा में पड़ी कुर्सियां खाली ही रही।

दीप शंकर मिश्र"दीप":- संपादक

दीप शंकर मिश्र"दीप":- संपादक

पत्रकारिता जगत में एक ऐसा नाम जो निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाना जाता है।

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