बरेली: एक क्राइम पत्रकार को क्रिमिनल लॉ से जुडी सारी क़ानूनी धाराओं की जानकारी होनी चाहिए। रिपोर्टर को यह भी ध्यान देना चाहिए कि वह जिस खबर को कवर करने जा रहा है और अगर किसी व्यक्ति को उस खबर से ठेस पहुंचती है तो वो मानहानि के दायरे में आ सकता है। किसी भी खबर को सनसनी तरीके से पेश नही करना चाहिए। यदि पत्रकार किसी गोपनीय जानकारी को बिना अनुमति के प्रकाशित करता हैं, तो उस पर गोपनीयता भंग का भी आरोप लगा सकता है। इन्वर्टिस विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में अतिथि व्याख्यान पर बोलते हुए एपीएन न्यूज़ चैनल के इनपुट एडिटर राजीव शर्मा ने उक्त बातें कहीं। यह व्याख्यान विश्वविद्यालय कुलाधिपति और बरेली मेयर डॉ. उमेश गौतम, एवं कार्यकारी निदेशक पार्थ गौतम में निर्देशानुसार हुआ।
व्याख्यान के दौरान राजीव शर्मा ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन नए कानून भारतीय न्याय सहिंता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय संरक्षण सहिंता 2023 पर विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने आगे बताया यदि कोई भी पत्रकार न्यायालय का अपमान करता है, तो उसके खिलाफ अवमानना की धाराएं लगाई जा सकती हैं। क्राइम रिपोर्टिंग अब पहले से ज्यादा खतरनाक हो चुकी है। उसे यह भी ध्यान देना चाहिए कि किसी भी पीड़ित की पहचान छिपाकर ही खबर लिखी जाए। कोई भी क्राइम खबर बिना तथ्यों पर नहीं होनी चाहिए। क्राइम पत्रकार को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि वह जिन भी दृश्यों को दिखा रहें है, पीड़ित व्यक्ति के चेहरे को ब्लर करके ही दिखाएं। साथ ही उन्होंने अपराध के विभिन्न प्रकारों, पुलिस रिपोर्टिंग, कोर्ट रिपोर्टिंग और पीड़ितों के अधिकारों के संदर्भ में मीडिया की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने फेक न्यूज, सनसनीखेज रिपोर्टिंग और सूचना की सत्यता की पुष्टि करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला। राजीव शर्मा ने अपराध रिपोर्टिंग के व्यावहारिक अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि मीडिया में रिपोर्टिंग करते समय नैतिकता और सतर्कता बनाए रखने की आवश्यकता बहुत ज़रूरी है। साथ ही उन्होंने चैनल में खबरों को लाने से लेकर प्रसारण होने तक की पूरी प्रक्रिया को छात्रों को बहुत ही बारीकी से समझाया।
अतिथि व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए पत्रकारिता एवं जनसंचार डीन, डॉ. राजेश शर्मा ने विभिन्न प्रकार के अपराध से जुड़ी पत्रकारिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक क्राइम पत्रकार को बहुत-सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता हैं। साथ ही उन्होंने अपराध रिपोर्टिंग के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष डॉ. ललित कुमार ने किया। इस मौके पर एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ. मनीषा मालवीय एवं सहायक प्रोफ़ेसर डॉ. निशांत कुमार, प्रोफेशनल कम्युनिकेशन की विभागाध्यक्ष डॉ. रूबीना वर्मा साथ ही सभी विद्यार्थियों की उपस्थिति रहीं।
क्राइम पत्रकार को क्रिमनल लॉ से जुडी सारी जानकारी होनी चाहिए:- राजीव शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
By दीप शंकर मिश्र"दीप":- संपादक
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