लखनऊ: डीआईजी जुगुल किशोर तिवारी को योगी सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। उन पर आरोप है की उन्होंने एक सिपाही पर भ्रष्टाचार के मामले में कार्यवाही नही की बल्कि उसे क्लीन चिट दे दी। जुगुल किशोर डीआईजी फायर के पद पर तैनात थे।
दरअसल पूरा मामला यह है की एक सिपाही पर भ्रष्टाचार के मामले को लेकर एसपी फायर ने डीआईजी जुगुल किशोर से कार्यवाही की सिफारिश की थी मगर उन्होंने उस सिपाही को दोष मुक्त करते हुए क्लीन चिट दे दी। जिस पर डीजीपी मुख्यालय से जांच शुरू की गई थी और शासन को कार्यवाही के लिए लिखा था। जिस पर शासन ने एक्शन लेते हुए डीआईजी फायर जुगुल किशोर को सस्पेंड कर दिया है। इस पूरे मामले पर डीआईजी जुगुल किशोर ने कहा है की मैंने नियमतः कार्य किया है।
कौन है डीआईजी जुगुल किशोर?
यूपी के महोबा जिले के रहने वाले जुगुल किशोर 2008 बैच के आईपीएस अधिकारी है। इनकी गिनती तेजतर्रार अधिकारियों में की जाती है। ये बांदा, वाराणसी, गाजीपुर, बहराइच, प्रयागराज, चित्रकूट व लखनऊ के एसपी भी रहे है। जब इनकी तैनाती चित्रकूट में थी तो इन्होंने मात्र तीन दिन का अभियान चलाकर पाठा के जंगलों में दुर्दांत डकैत घनश्याम केवट का इनकाउंटर किया था। तब ये काफी चर्चा में रहे थे, एसपी बहराइच रहते हुए भी इन्होने कई सराहनीय कार्य किए थे। इस दौरान ये डीआईजी फायर के पद पर तैनात थे मगर अब इन्हे सस्पेंड कर दिया गया है।