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ग्रामीणों को जान जोखिम में डालना मजबूरी, दर्जनों ग्रामीणों की व्यथा को आखिर कौन सुने? Video

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लखीमपुर खीरी। विकास को लेकर सरकार की तरफ से जो बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं उन दावों में कितनी सच्चाई है। इन तस्वीरों के आने के बाद सहज अंदाजा लगाया जा सकता है दरअसल यह तस्वीर यूपी के लखीमपुर खीरी के ब्लॉक फूलबेहड़ के ग्राम बसहा की है।

जहां पर दशकों से टूटे पड़े पुल को न बनाए जाने की वजह से लोग जान जोखिम में डालकर लोग निकालने के लिए मजबूर है। ग्रामीण बताते हैं कि एक दर्जन गांवों को जोड़ने वाला ये पुल दशकों पहले टूट गया था तब से इसका यही हाल है गांव के लोग जान जोखिम में डालकर इस टूटे पड़े पुल को पार करते है। सुबह-सुबह स्कूली छात्र-छात्राओं को अपने विद्यालय जाने के लिए पुल पर पड़े पतले पतले गाटर पर जान जोखिम में डालकर अपनी साइकिल को कंधे पर लादकर निकालना पड़ता है। ग्रामीण बताते हैं कि कई छात्र टूटे पुल को पार करते हुए चोटिल भी हो चुके हैं जिसके चलते उनकी पढ़ाई भी छूट गई है ग्रामीण बताते हैं इसको लेकर कई बार शिकायत की गई लेकिन इसके बावजूद भी इस पुल का निर्माण कार्य नहीं कराया जा रहा है।

दीप शंकर मिश्र"दीप":- संपादक

दीप शंकर मिश्र"दीप":- संपादक

पत्रकारिता जगत में एक ऐसा नाम जो निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाना जाता है।

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