खेती किसानी। यूपी में सर्वाधिक किसान गन्ने की खेती पर निर्भर है। क्योंकि गन्ने के ही खेती से किसानों को अपनी मेहनत का फल मिल पाता है। इस बार भीषण बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ दी है क्योंकि बाढ़ की तबाही से किसानों की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। पिछले बार की अपेक्षा इस बार गन्ने के दामों में बढ़ोत्तरी भी हुई है क्योंकि इस बार गन्ना कम है। यदि हम बात करें गन्ने की ऐसी नसल की जिसने किसानों को सर्वाधिक फायदा दिया है तो सबसे पहला नाम 0238 का आता है। किसानों को इस गन्ने की किस्म से अच्छा उत्पादन मिलता आया है मगर इस बार गन्ने की 0238 किस्म को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
गन्ने की 0238 किस्म को क्यों किया गया प्रतिबंधित
दरअसल 0238 किस्म किसान और चीनी मिल दोनो की हितैषी थी। किसानों को भी इस किस्म से अच्छा उत्पादन होता था। यही कारण रहता था की किसान सर्वाधिक 0238 किस्म की बुवाई करता था। धीरे धीरे इस किस्म में रोगों ने जन्म ले लिया। जिसमे लाल सड़न, रेड डॉट यानी गन्ने का कैंसर अन्य रोग सामिल है। धीरे ये रोग बढ़ते चले गए पूरे प्रदेश में इस किस्म को चपेट में ले लिया। हर किसानों के लिए यह रोग सिर दर्द हो गए। जिसको देखते हुए गन्ने की 0238 किस्म को प्रतिबंधित कर दिया गया।