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पिंजरे में कैद हुए बाघ को तीन दिन बाद इस जगह किया जाएगा आजाद, वन विभाग के उच्चाधिकारियों ने लिए फैसला।

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रिपोर्ट:- शरद मिश्रा”शरद”
लखीमपुर खीरी। अभी दो दिन पूर्व में मझगई रेंज के चौखड़ा फार्म से पकड़े गए बाघ को आखिरकार अब कतर्नियाघाट में छोड़ा जाएगा। इसके साथ ही मझगई रेंज अंतर्गत जंगल के आसपास बसे गांवों के लोग काफी दिनो बाद सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले खेतों में जाने लगे हैं। बीते मंगलवार को मझगई के चौखड़ा फार्म से बाघ पकड़े जाने के बाद ग्रामीण अब राहत महसूस कर रहे हैं। बीते कुछ दिन पूर्व रजागंज निवासी बाबूराम गौतम को इसी बाघ ने मौत के घाट उतारा था।

दुधवा के जंगल से भटक आबादी में पहुंचे इस बाघ के प्राकृतिक आवास में बदलाव किया गया है, ताकि भविष्य में वह फिर से भटक कर आबादी वाले स्थानों में न आ सके।
मझगई रेंज के रेंजर अंकित कुमार ने बताया की उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद शुक्रवार की सुबह पकड़े गए बाघ को कतर्नियाघाट ले जाया गया है।

जहां उसे घने जंगलों के बीच एक बार फिर से प्राकृतिक पर्यावास में छोड़ा जाएगा। रेंजर ने यह भी बताया की बाघ काफी विशालकाय है और दो दिनों से पिंजरे में कैद है हालांकि उसे खाने के लिए मांस दिया जाता रहा है मगर पिंजरे में बंद होने की वजह से वो काफी गुस्से में है। कतर्नियाघाट में जब बाघ को छोड़ा जाएगा तब वनविभाग के उच्चाधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

दीप शंकर मिश्र"दीप":- संपादक

दीप शंकर मिश्र"दीप":- संपादक

पत्रकारिता जगत में एक ऐसा नाम जो निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाना जाता है।

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