लखीमपुर खीरी। बेहद दुर्लभ प्रजाति का सीबोल्ड वाटर स्नैक यूपी के जंगली क्षेत्र में 69 साल बाद दिखाई दिया है। इससे पहले यह सांप 1955 में तराई क्षेत्र में दिखा था। इस प्रजाति के दो युवा सांप दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर जोन से रेस्क्यू किए गए। परीक्षण के बाद प्रजाति व स्वभाव के अध्ययन के बाद उनकी प्रजाति को रिकार्ड में दर्ज कर लिया गया है। दुधवा टाइगर रिजर्व के उप निदेशक डॉ. रंगाराजू टी ने बताया कि दुधवा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के बंशीनगर गांव से एक अलग किस्म का सांप रेस्क्यू किया गया। अगले दिन एक बगीचे से भी इसी तरह का एक सर्प मिला। रेस्क्यू टीम ने सांप की फोटो व वीडियोग्राफी के बाद बायोलॉजिस्टों की टीम को रिपोर्ट सौंपी। दुधवा टाइगर रिजर्व के बायोलॉजिस्ट अपूर्वा गुप्ता ने इन सांपों पर अध्ययन किया। परीक्षण में पाया गया कि रेस्क्यू किया गया सांप आम नहीं, बल्कि दुर्लभ प्रजाति का सीबोल्ड वाटर स्नैक है। दुधवा के उपनिदेशक डॉ. रंगाराजू टी ने बताया कि एक ब्योरे के मुताबिक यह सांप उत्तर प्रदेश में 69 साल बाद दिखाई दिया है। इससे पहले इसके तराई क्षेत्र में ही मिलने के संकेत हैं।
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पानी में रहने वाला जहरीला सांप है यह
दुधवा के उप निदेशक डॉ. रंगाराजू टी ने बताया कि सीबोल्ड वाटर स्नैक भारतीय क्षेत्र का ही सांप है। यह सांप पानी और नमी वाली जगहों पर रहना पसंद करता है। वैसे तो इसकी गिनती जहरीले सांपों में होती है। पर यह सांप कोबरा के मुकाबले कम जहरीला है। डा. रंगाराजू टी ने बताया कि इस प्रजाति के दो युवा सांप मिले हैं। इससे संभावना है कि इस प्रजाति के और सांप भी यहां मौजूद हैं।