बहराइच। यूपी में अक्सर कार्यवाही का ऐसा चाबुक चलता आया है की कहीं सीओ को सिपाही बना दिया जाता है तो कहीं इंस्पेक्टर को दरोगा। इतना ही नहीं वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को जबरन रिटायर भी कर दिया जाता है।
यूपी के इस गांव में आज भी मौजूद है तुलसीदास जी द्वारा लिखित रामचरित मानस का सुंदरकांड पाठ।।
ताजा मामला यूपी के जनपद बहराइच का है जहां एक इंस्पेक्टर और दरोगा को अपने एसपी को गुमराह करने की ऐसी सजा मिली को वो कभी भूल नहीं पाएंगे। दरअसल पूरा मामला यह है की बीते फरवरी माह में जरवल रोड थाने की कमान इंस्पेक्टर विनोद राय के पास थी और दरोगा मो० असलम चौकी इंचार्ज थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जरवल कस्बे में एक जमीन संबंधी विवाद में दबंगों द्वारा कुछ लोगों की जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा था।
पीड़ित बार बार एसपी के पास शिकायत लेकर जा रहे थे मगर एसपी द्वारा जब थानाध्यक्ष व चौकी इंचार्ज से मामले की जानकारी ली गई तो उन्होंने एसपी को गुमराह किया। जब एसपी को दोनो की भूमिका संदिग्ध लगी तो उन्होंने एडिशनल एसपी से जांच कराई। जिसमे इंस्पेक्टर और दरोगा दोषी पाए गए। एसपी ने दोनो पर कार्यवाही करते हुए निलंबित कर दिया और रिपोर्ट शासन को भेज दी। जिसके बाद शासन के आदेश पर दोनो का डिमोशन करते हुए इंस्पेक्टर को दरोगा और दरोगा को सिपाही बना दिया गया है।
सैलानियों के लिए अच्छी खबर, इस दिन खुलेंगे दुधवा के कपाट! पार्क प्रशासन व्यवस्थाओं में जुटा।
1 thought on “एसपी को गुमराह करना इंस्पेक्टर और दरोगा को पड़ा महंगा, प्रमोशन की जगह दोनो का डिमोशन।।”