अजब गजब:- लखीमपुर खीरी के महेशपुर में बाघ की जगह पिंजरे में फस गया वनकर्मी, दो घंटे बाद निकाला गया।

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लखीमपुर खीरी। दक्षिण खीरी में बाघ प्रभावित इलाके महेशपुर में शनिवार को अनोखा वाक्या हुआ। बाघ के लिए लगाए गए पिंजरे के ट्रायल के लिए एक वन कर्मी पिंजरे में घुसा और अचानकर पिंजरा बंद हो गया। काफी देर तक उसके साथियों ने कोशिश की लेकिन पिंजरा नहीं खुला। उधर, पिंजरे के अंदर बंद वनकर्मी घबराकर रो पड़ा। बाद में पिंजरे का हुक तोड़ना पड़ा, तब जाकर युवक बाहर निकल सका। वन विभाग का तर्क है कि पिंजरे का गेट खराब था।
महेशपुर वन रेंज के इमलिया में बाघ को पकड़ने के लिए कुल चार पिंजरे लगाए गए हैं। इनमें से एक पिंजरे की चेकिंग व ट्रायल में एक वन कर्मी लगा हुआ था। वह पिंजरे के अंदर था कि अचानक गेट बंद हो गया। या। इसके बाद अन्य वनकर्मियों ने पिंजरे का गेट खोलकर उसे निकालने की कोशिश की लेकन गेट ही नहीं खुल सका। इसके बाद तो वन कर्मियों के हाथ पांव फूल गए। पिंजरे के अंदर बंद कर्मचारी का हाल खराब था। जब पिंजरा नहीं खुला तो अंदर बंद वन कर्मी रोने लगा और मदद की गुहार लगाने लगा। सभी वन कर्मी पिंजरा खोलने की कोशिश करते रहे लेकिन पिंजरा खुला ही नहीं। आखिर में पिंजरे को पलटा गया और उसका हुक तोड़ा गया। तब जाकर पिंजरे का गेट खुल सका। बाहर निकलकर वनकर्मी काफी देर सदमे में रहा। महेशपुर के रेंजर नरेशपाल सिंह ने बताया कि यह पिंजरा शाहजहांपुर से आया था। इसमें पहिए नहीं थे तो इस पिंजरे को रिजर्व में रखा गया था। इस बीच एक वाचर उसको चेक कर रहा था कि अचानक उसके अंदर बंद हो गया।

दीप शंकर मिश्र"दीप":- संपादक

दीप शंकर मिश्र"दीप":- संपादक

पत्रकारिता जगत में एक ऐसा नाम जो निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाना जाता है।

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