रिपोर्ट:- दीप शंकर मिश्र दीप
लखनऊ: चिड़िया घर घूमने के दौरान इटावा सफारी पार्क में पाए जाने वाले बब्बर शेर देखकर मन खुशी से भर जाता हैं। उसी बब्बर शेर पर इटावा सफारी में पाए जाने वाले बब्बर शेरों पर आम जन को समर्पित पुस्तक लिखकर इटावा सफारी पार्क के डायरेक्टर वरिष्ठ आईएफएस डॉ० अनिल कुमार पटेल ने बब्बर शेर का बेजुबानों से एक रिश्ता बना पाने की पुस्तक बब्बर शेरों का रोमांचित संसार प्रकाशित कर सराहनीय कार्य किया है। देहाती कहावत के अनुसार शेर तो शेर है और बब्बर शेर….।
पुस्तक में सच्चाई से भरी बब्बर शेर को लेकर दी गई जानकारी यदि जागरूकता के उद्देश्य से उ०प्र० वन विभाग द्वारा पर्याप्त मात्रा में पुस्तक का प्रकाशन कराकर पत्रकारों , बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्य में लगे लोगों को उपलब्ध करा दी जाए तो समाज के आमजन में 37 पेज की पुस्तक बब्बर शेरों का रोमांचक संसार लिखने का कुछ असर जरूर दिखाई देगा। वैसे तो पुस्तक में बीहड़ों में गूंजती वनराज की गर्जना , एक रात बब्बर शेरों के साथ, लहू लुहान कर देने वाले बब्बर शेर, बब्बर शेरों का रोमांचक संसार और डॉ० विनय सिंह द्वारा लिखित अफ्रीका की धरती को लहूलुहान कर देने वाले बब्बर शेर, एक अनाथ शेर शावक, जैसी सत्य घटनाएं समाज को एक शिक्षा के साथ बेजुबानों के प्रति नई दिशा देने को आतुर है बब्बर शेर के जीवन पर समर्पित है मात्र 37 पेज की पुस्तक बब्बर शेर का रोमांचक संसार।
पुस्तक के शुरआती पन्ने में इटावा सफारी पार्क के डायरेक्टर डॉ० अनिल कुमार पटेल ने पुस्तक की संपादकीय में पुस्तक का सारा रस समाहित करने का सफल प्रयास किया है। में इस सम्बन्ध में वन विभाग के वरिष्ठ उच्चाधिकारियों एवम वन्य जीव प्रेमियों से आज के इस नए दौर में इस पुस्तक की तरह हांथी पर भी कुछ नया करने या लिखें जाने का अनुरोध है।
इटावा सफारी पार्क के डायरेक्टर ने निकाला बब्बर शेरों का रोमांचक संसार, जागरूकता है उद्देश्य।
By दीप शंकर मिश्र"दीप":- संपादक
Updated on: