लखनऊ: बाढ़ और उसके बाद होने वाले संक्रामक रोगों को लेकर प्रदेश के सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। शासन ने सभी अपर मंडलीय स्वास्थ्य निदेशकों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को इस संबंध में आदेश जारी किया है।
निदेशक (स्वास्थ्य) को प्रदेश स्तर पर नोडल अधिकारी बनाया गया है जबकि सभी सीएमओ से जिला स्तर पर एक नोडल अफसर की तैनाती करने को कहा गया है। बाढ़ चौकियों और बाढ़ राहत शिविरों में डॉक्टरों व स्टाफ की ड्यूटी लगाने के आदेश दिए गए हैं। वहीं प्रभावित जिलों के अस्पतालों में अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती को भी गया है।
मानसून आने के साथ ही प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की संभावनाएं बढ़ गई हैं। इसे देखते हुए सभी सरकारी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। आदेश में कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को आकस्मिक चिकित्सा सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराना स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकता है। अतिवृष्टि या बाढ़ की स्थिति में खासतौर से मलिन बस्तियों में संक्रामक रोक एवं वैक्टर जनित रोग फैलने की संभावना अधिक हो जाती है। इसकी रोकथाम के लिए अस्पतालों में समुचित व्यवस्थाएं की जाएं। निर्देश दिए गए हैं कि बाढ़ चौकियों और राहत शिविरों पर चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई जाए।
इस वजह के चलते यूपी के सभी अस्पतालों को किया गया अलर्ट।।
By दीप शंकर मिश्र"दीप":- संपादक
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