लखनऊ: लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद बीजेपी को यूपी में मिली करारी हार से बीजेपी की हाई कमान आज भी सोचने को मजबूर है की आखिर ऐसी कौन सी गलतियां रही की परिणाम ये आया। इस संबंध में प्रतिभा टाइम्स के संपादक वरिष्ठ पत्रकार दीप शंकर मिश्र ने यूपी में बीजेपी की हार पर अपने कुछ प्रश्नों के साथ apn न्यूज राष्ट्रीय समाचार चैनल के समाचार संपादक वरिष्ठ पत्रकार राजीव शर्मा से दूरभाष पर वार्ता की तो आइए जानते है की प्रश्नों का उत्तर उन्होंने क्या दिया?
बीजेपी की हार पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी किसकी है?
वरिष्ठ पत्रकार राजीव शर्मा ने बताया की किसी की जीत और हार में कभी कोई एक कारण नही होता है। कई कारण और कारक मिल करके चुनावो में हार और जीत तय करते है। जहां तक प्रश्न ये है की हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए तो निश्चित रूप से भाजपा के हार की जिम्मेदारी किसी न किसी को जरूर लेनी पड़ेगी। भाजपा की तरफ से जो उत्तरप्रदेश के लिए चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया था पहली जिम्मेदारी उसकी है। दूसरी जिम्मेदारी उसकी है जिसके नेतृत्व में चुनाव लडा गया। तीसरी जिम्मेदारी उसकी है जिन्होंने प्रत्याशियों का चयन किया और चौथी जिम्मेदारी प्रत्याशियों की जो अपने मतदाताओं को समझा नही सके और पांचवी सबसे बड़ी जिम्मेदारी सारे मतदाताओं की है क्योंकि मतदाता प्रजातंत्र का मालिक होता है, उसको अधिकार होता है प्रजातंत्र में अपने सेवक को चुनने का और मतदाता ये जान चुके है की वो प्रजातंत्र में अपने सेवक को चुनने के लिए मालिक है।
राम मंदिर बनने के बाद भी बीजेपी अयोध्या सीट हारी क्यों?
इस प्रश्न के उत्तर में अयोध्या की सीट हारने पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव शर्मा ने कहा की में किसी पार्टी का न तो विरोध करता हूं न ही सपोर्ट करता हूं ये में निष्पक्ष रूप से बोल रहा हूं की जिस सरकार ने अयोध्या को क्षेत्रीय पहचान से उठाकर अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई। जहां करोड़ों रुपयों का निवेश हो रहा है और अयोध्या में रोजगार बढ़ रहा है। इसके बावजूद भी वहां के जनता ने बीजेपी को वोट नहीं दिया तो इसका मतलब यही है की वहां की जनता को न तो रोजगार से मतलब है न ही पैसे से मतलब है और न ही अपनी संस्कृति से मतलब है। उन्हे सिर्फ ठकाठक साढ़े आठ हजार रुपए आ जाए इससे मतलब है।
यूपी में भाजपा के चुनाव हारने का सबसे बड़ा कारण क्या?
वरिष्ठ पत्रकार राजीव शर्मा ने बताया की इस बार मुस्लिम मतदाता ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए भारी संख्या में मतदान किया वहीं हिंदू मतदाता अपने घरों में घुसे रहे और मतदान करना भी उचित नहीं समझा। उन्हे ये नही पता की ये लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व है। सबसे बड़ी बात तो ये रही की इस बार मतदाताओं को कोई मतदान के लिए जागरूक भी करने नही आया।
मतदाताओं को सर्वप्रथम चाहिए रोटी, कपड़ा और मकान इसके बाद उन्हें चाहिए अच्छी सड़क, अच्छी यातायात सुविधा व अन्य सहूलियत भरी चीजें। भाजपा ने जनता को मुफ्त राशन दिया है, घर भी दिया है और सड़कों का निर्माण भी कराया है। इसके बावजूद भी मतदाता ने बीजेपी को वोट क्यों नही दिया इसका मुख्य कारण यह है की जो युवा काफी दिनों से सरकारी नौकरी का इंतजार कर रहे थे। मेरा संकेत सीधा-सीधा पुलिस भर्ती परीक्षा पर है। काफी दिनों के बाद में एक बड़ी भर्ती आती है जिसमे लाखों युवाओं ने फार्म भरा तैयारी करी और उसके बाद उसका पेपर लीक हो गया। इसमें सरकार की नाकामी रही और सरकार इस परीक्षा के नियमों को कंट्रोल करने में नाकाम रही। वो युवा जो इस परीक्षा को देने आए थे वो चाहिते थे की जल्दी से जल्दी उनकी इस समस्या का समाधान हो। मगर युवाओं को 6 माह का वक्त दे दिया गया जिससे युवाओं में भारी आक्रोश है। इससे लगभग ढाई लाख परिवार प्रभावित हुए है। ये भी बीजेपी के चुनाव हारने का सबसे बड़ा कारण है।