लखनऊ: पान विक्रेता पान में तंबाकू लगाकर नहीं बेच सकेंगे। एक जून से अगर कोई इस आदेश की अवहेलना करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ मुकदमा व जुर्माने की कार्रवाई होगी।
पान मसाला-तंबाकू विक्रेता अब या तो पान मसाला ही बेच सकेंगे या फिर तंबाकू। एक जून से यह आदेश प्रभावी हो जाएगा। दुकानदारों में इसे लेकर खलबली मची है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने सख्त आदेश जारी किया है कि तंबाकू की बिक्री कोई भी बिना लाइसेंस के नहीं कर सकेगा।
इतना ही नहीं, पान विक्रेता पान में तंबाकू लगाकर नहीं बेच सकेंगे। सिर्फ मीठा पान बेचने की अनुमति है। एक जून से अगर कोई इस आदेश की अवहेलना करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ मुकदमा व जुर्माने की कार्रवाई होगी।
यूपी में तंबाकू युक्त पान मसाला और गुटखा के विनिर्माण, पैकिंग और भंडार के साथ वितरण व विक्रय पर एक अप्रैल 2013 से प्रतिबंध लगाया गया था। इस प्रतिबंध के बाद में तंबाकू निर्माता इकाइयों की ओर से पान मसाले का निर्माण अलग से शुरू कर दिया और तंबाकू का निर्माण अलग से किया। तंबाकू और पान मसाला के पाउच दुकानों पर एक साथ ही बेचे जाते हैं।
इसका संज्ञान उच्चतम न्यायालय ने भी लिया है और 23 सितंबर 2016 के आदेश में विनियम 2, 3 एवं 4 का प्रभावी रूप से पालन कराने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस आदेश पर निर्देश जारी करते हुए कहा है कि तंबाकू और पान मसाला का एक ही स्थान पर बिक्री करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। एक जून से यह प्रतिबंध लागू होगा। कंपनियां भी अपने पान मसाले के साथ में पत्ती की पैकेट अलग से नहीं बेच सकेंगी।
लोगों के स्वास्थ्य को देखते हुए कोर्ट ने तंबाकू की बिक्री पर रोक लगाई, तो तंबाकू निर्माता इकाइयों द्वारा अलग-अलग पैकेट में पान मसाला और तंबाकू की बिक्री शुरू कर दी। आदेश से सिर्फ पैकेट बदल गए, लेकिन तंबाकू के प्रयोग पर रोक नहीं लगी। अब इसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया है।