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आतंक का पर्याय बना बाघ आखिरकार पिंजरे में हुआ कैद, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस, देखें वीडियो।

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रिपोर्ट:- शरद मिश्रा”शरद”
लखीमपुर खीरी। यूपी का जनपद लखीमपुर खीरी तराई क्षेत्र के साथ चारों तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है। जिसके चलते जंगल से निकलकर जंगली जानवर आबादी वाले क्षेत्रों में पहुंच जाते है और इंसानों पर हमला कर आदमखोर हो जाते है। जंगलों से निकले जानवरों के हमले से न जाने कितने लोगों की जाने जा चुकी है। जिसके लिए वनविभाग हमेशा प्रयासरत रहता है की कोई खूनी घटना जानवरों द्वारा न कारित की जाएं इसके लिए वो जंगल से सटे ग्रामीण इलाकों में पेट्रोलिंग के साथ लोगों को जागरूक भी करते है।

अभी बीते दिनों मझगई वन क्षेत्र में एक बाघ की चहलकदमी से ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त था। इस बाघ ने बीते 28 अक्तूबर को राजागंज निवासी बाबूराम गौतम को अपना निवाला बनाकर मौत के घाट उतारा था। बीते लगभग 2 सप्ताह से कई जानवरों को भी निवाला बना चुका था जिसके चलते ग्रामीणों में खौफ था। ग्रामीण अपने खेतों में भी नहीं जा पाते थे। वनविभाग बाघ को पकड़ने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा था और उस पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया था।

मंगलवार की रात्रि अंततः वनविभाग को सफलता मिल गई और बाघ चौखड़ा फार्म में लगाए गए पिंजरे में कैद हो गया। वनविभाग पकड़े गए बाघ का डॉक्टरी परीक्षण करवाकर उसके बाद तय करेगा की इस बाघ को कहां छोड़ा जाएगा।

दीप शंकर मिश्र"दीप":- संपादक

दीप शंकर मिश्र"दीप":- संपादक

पत्रकारिता जगत में एक ऐसा नाम जो निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाना जाता है।

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