आखिर क्यों आतंक का पर्याय बने है भेंडिया, वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी ने बताई हैरान कर देने वाली बात।

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लखनऊ। वनविभाग में अपनी नेक छवि कायम रखने वाले मिलनसार व अत्यंत कर्तव्यनिष्ठ वरिष्ठ आईएफएस व इन दिनों वन निगम के महाप्रबंधक पद पर तैनात संजय पाठक ने भेंडियो के बारे में कुछ अहम जानकारी दी है जिससे शायद आप अभी तक अनभिज्ञ है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया की भेड़िया शर्मिला जानवर है और परिवार की परंपरा का पालन करता है। यह इकलौता जानवर है जिसमें नर-मादा के ही नहीं, भाई-बहन का भी रिश्ता होता है। भेड़िया कभी अपने परिवार के सदस्य से मेटिंग नहीं करता। भेड़िया बदला लेने वाला जानवर है। अगर कभी किसी भी गांव या क्षेत्र में भेड़िए के परिवार को नुकसान हुआ है तो वह बदला लेने जरूर आता है। चाहें एक दशक लग जाये। भेड़िया 20 किलोमीटर तक बिना रुके दौड़ सकता है। इंसान के मुकाबले उसकी सूंघने की क्षमता 100 गुना होती है।
भेड़िए सिर्फ दो रंग में ही दिखता है या तो पीला या हरा। ये जानवर रात के अंधेरे में भी देख सकता है, इसलिए रात को ही हमला करता है। भेड़िया कभी अलग नहीं चलता, ग्रुप में रहता है और उस ग्रुप का लीडर जो आदेश देता है, उसका पालन ये करते हैं। इनके परिवार का कोई सदस्य अगर पकड़ जाए तो ये और भी हमलावर हो जाते हैं। भेड़िए भूखे होने पर कम, असुरक्षित महसूस करने पर ज्यादा हमला करते हैं। बहराइच, सीतापुर, खीरी, शाहजहांपुर और सुल्तानपुर में इनके हमले की खबरें आ रही हैं।

दीप शंकर मिश्र"दीप":- संपादक

दीप शंकर मिश्र"दीप":- संपादक

पत्रकारिता जगत में एक ऐसा नाम जो निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाना जाता है।

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