निघासन खीरी। एक मामले में गलत रिपोर्ट देने की वजह से तहसील के दो लेखपालों को सस्पेंड किया गया है। एसडीएम ने उनको कारण बताओ नोटिस देकर जवाब तलब किया है। एसडीएम राजीव निगम ने बताया कि निबौरिया गांव के लेखपाल मोहन कश्यप ने ग्राम सभा की जमीन पर अवैध कब्जे के संबंध में मुकदमा चलाकर बेदखल करने और हर्जाना वसूलने के लिए तहसीलदार की अदालत में रिपोर्ट दी थी। बताया जाता है कि इस मामले को लेकर लेखपाल और ग्राम प्रधान झगडू प्रसाद के बीच काफी तनातनी चल रही थी। करीब बीस दिन पहले मोहन कश्यप ने ग्राम प्रधान सहित उनके सहयोगियों पूर्व प्रधान वीरेंद्र वर्मा, मोतीपुर निवासी हरीश पटेल और पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ सिंगहा मोड़ के पास बाइक की चाबी और सरकारी दस्तावेज छीन लेने तथा धारदार हथियार से हमला करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मोहन कश्यप के मुताबिक ग्राम प्रधान झगडू प्रसाद मनमाफिक काम न करने की वजह से उनसे बेहद नाराज रहते हैं। इसके बाद दूसरे पक्ष की ओर से शिकायत की गई। इस पर लेखपाल दिलीप कश्यप से ग्राम सभा की जमीन पर अवैध कब्जे के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई। इसमें भी पहले वाली रिपोर्ट दोहरा दी गई। बाद में तहसीलदार के जांच के बाद दोनों लेखपालों को निलंबित कर दिया गया। हालांकि बताया जाता है कि इस मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से कार्रवाई की गई है। एसडीएम ने बताया कि जिस व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट पेश की गई थी, उसका वहां कब्जा नहीं पाया गया।
गलत रिपोर्ट देने के आरोप में दो लेखपाल सस्पेंड, एसडीएम ने जारी किया कारण बताओ नोटिस।
By दीप शंकर मिश्र"दीप":- संपादक
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