खेती किसानी: सरकार ने कृषि क्षेत्र को लेकर प्रतिबद्धता को दोहराया है। कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए जलवायु के अनुरूप उपज की किस्मों को विकसित करने का फैसला लिया है। इसके लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की 109 उच्च पैदावार वाली किस्में विकसित की जाएंगी। अगले दो वर्षों में एक करोड़ किसानों का प्राकृतिक कृषि से भी जोड़ने का लक्ष्य है। इनका चयन वैज्ञानिक संस्थानों और इच्छुक ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जाएगा।
सब्जी उत्पादन के लिए क्लस्टर विकसित होंगे:
सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी तिलहन के उत्पादन और भंडारन के लिए ठोस कार्य नीति बनाने की काम प्रगति पर है। महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार सब्जी उत्पादन और उसकी आपूर्ति संख्या को बेहतर करने के लिए क्लस्टर विकसित करेंगे। इस काम में किसान उत्पादन संगठनों, सहकारी समितियों और स्टॉर्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा। नाबार्ड के माध्यम से झींगा उत्पाद और निर्यात के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा। डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू किया जाएगा, जिसके माध्यम से 6 करोड़ किसानों और उनकी जमीन के ब्यौरा को डिजिटल रूप से रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा। पांच राज्यों में जन समर्थ आधारित किसान क्रेडिट कार्ड भी दिए जाएंगे, जिसे कि उन्हें कृषि क्षेत्र में वित्तीय सहायता प्रदान कर आगे बढ़ने का अवसर दिया जा सके। कृषि और उससे जुडे क्षेत्र के लिए सरकार ने 1.52 लाख करोड़ रुपया आवंटित किया है।