रिपोर्ट:- शरद मिश्रा”शरद”
खेती किसानी, लखीमपुर खीरी: वैसे तो उत्तरप्रदेश को गन्ना किसानों का गढ़ कहा जाता है तो वहीं यूपी के जनपद लखीमपुर खीरी को चीनी का कटोरा कहा जाता है। मुख्यता लखीमपुर खीरी में लोग गन्ने की खेती को सबसे पहले वरीयता देते है मगर इन दिनों गन्ने की खेती में किसानों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। फिर चाहे वो बेसहारा पशुओं की समस्या हो या फिर गन्ने में लगने वाले कीट या फिर गन्ने के भुगतान की समस्या हो। इन सभी को देखते हुए यहां के किसान केले की खेती की और ज्यादा पलायन कर रहे थे मगर तहसील निघासन क्षेत्र के गांव नौरंगाबाद निवासी 59 वर्षीय गुरुजीत सिंह बब्बू जिन्होंने शिक्षा क्षेत्र में एमए तक की पढ़ाई की हुई है।
उन्होंने बड़ा जोखिम उठाते हुए सेब, जामुन, अंजीर, लीची और अमरूद की खेती शुरू की है। उन्होंने पहाड़ों पर उगने वाले सेब को अपने गांव में खेती के रूप में विकसित किया है। उनको ये राय पंतनगर कृषि विश्व विद्यालय के एक विशेषज्ञ ने दी। गुरुजीत सिंह ने हिमांचल से सेब के लगभग एक दर्जन पौधे मंगाए और उन्हे रोपित किया कुछ पौधे तो सुख गए मगर आधा दर्जन पौधे हरे भरे होकर तैयार हो गए। अब उनमें लगभग हर सीजन 50 से 60 किलो फल आते है। इसके साथ इन्होंने अंजीर, बादाम, सिंदूर, कपूर के भी पौधे लगाए है जिनमे फल आना शुरू हो गए है। इनकी खेती को देख क्षेत्र के अन्य लोग भी इनसे प्रेरणा लेते हुए जानकारी लेते है जिन्हे ये प्रेरित कर खेती के बारे में बताते है।
अमरूद की खेती से भी हो रहा अच्छा मुनाफा:-
गुरुजीत सिंह बब्बू का कहना है कोई भी कार्य करने से पहले रिस्क लेना पड़ता है। पहले उन्हें भी डर था की इस काम में उन्हे सफलता मिलेगी या नहीं मगर उन्होंने रिस्क लेते हुए काम शुरू किया। अमरूद के पौधे मांगा कर रोपित किए उनसे ज्यादा फायदा मिला तो उन्होंने और पौधे लगाए। आज उनकी अमरूद की बाग है जिनमे कुल 2800 अमरूद के पेड़ है। इन पौधों में बड़े साइज का अमरूद आता है जो बहुत ही मीठा है। किसान गुरुजीत का कहना है की अमरूद की खेती से उन्हे ज्यादा मुनाफा मिल रहा है।
1 thought on “गन्ने की खेती छोड़ इस किसान ने सेब, कपूर, अंजीर, बादाम की अनोखी खेती कर पैदा किया अच्छा मुनाफा।”