लखनऊ: लोकसभा का चुनाव संपन्न हो गया है और लगातार तीसरी बार एक बार फिर नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री की कुर्सी को संभाला है। मगर इन सब के बीच भाजपा यूपी में मिली करारी हार से अभी तक उभर नही पाई है। जिससे बीजेपी के बड़े स्तर के नेताओं की नजरें उन थाली के बैगनो पर है जो पार्टी में रहकर भी समय समय लुढ़कते हुए पार्टी के साथ भीतरघात करते है। बीजेपी यूपी प्रदेश संगठन इस बात को लेकर काफी चिंतित है व खुफिया तरीके से उन आस्तीन के सापों को पहचानने में जुटी है जिन्होंने पार्टी के साथ भीतरघात किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हारे हुए केंद्रीय मंत्रियों ने भी पार्टी के साथ भीतरघात करने वाले जयचंदो के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है तो वहीं एक दर्जन से अधिक प्रत्याशियों ने पार्टी में छिपे भीतरघात करने वाले गद्दारों की रिपोर्ट संगठन को सौंपी है। हालांकि भीतरघात का मुख्य कारण टिकट बटवारे को लेकर बताया जा रहा है ताकि प्रत्याशी जब हारेगा तभी भीतरघात करने वाले को मौका मिलेगा। इस बार लोकसभा में बीजेपी प्रत्याशियों को विधायकों का भी ज्यादा साथ नही मिला जिसको लेकर प्रत्याशियों ने मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश संगठन अंदर ही अंदर खुफिया तरीके से भीतरघात करने वाले लोगों को साक्ष्यों के साथ तलासने में जुटी है। उम्मीद की जा रही है की ऐसे लोगों पर संगठन कठोर कार्यवाही करेगा।
इन सीटों पर लगे भीतरघात के आरोप
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा बांदा, बस्ती, सीतापुर, बाराबंकी, खीरी, बदायूं, सुल्तानपुर, कौशांबी, फतेहपुर, मुजफ्फरनगर, फैजाबाद व इलाहाबाद सीट पर भीतरघात के आरोप लगे है। बताया ये जा रहे है की इन सीटों पर भाजपा के नेताओं ने कोई इंट्रेस्ट नही लिया। यहां तक विधायक भी चुनाव के दौरान अपने क्षेत्रों में प्रचार के लिए नही निकले।
धौरहरा में तो विधायको नें सबसे ज्यादा भितरघात किया उसका आपने नाम ही नहीं दिया वहां रेखा वर्मा को हराया गया